लम्हों की इस दुनिया में
कई अलग अफ़साने है।
कुछ तो लगते अपने है
और कई बेगाने है।
इन लम्हों में ही खुशियाँ देखी
अब इनमे ही दर्द छुपाने है।
लम्हे जो जिये हमने
बस अब हसीन अफ़साने है।
काश ! ठहर से जाते वो लम्हे
जिनके हम दीवाने है।
हसरत है जी लेने की उन लम्हों को
पल भर में जिनको फिर से खो जाने है।
आस्था जायसवाल
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