मेरी आशिकी
नज़रे जो उनकी देखे मुझे ,दिल में एक कसक सी जग जाये।
हँसी उनकी गुँजे मेरे कानो में ऐसे ,
की मन की प्यास और बढ़ जाये।
ये उनके सुर्ख लबो की कशिश है शायद,
जो कदम मेरे बेबाक ही रुक जाये।
वो गुजरे जो मेरे सामने से,
हाय ! साँसे मेरी क्यों थम सी जाये।
कुछ तो नशा है उनकी बातों में ,
जो रातों में मेरी नींदों को सताए।
याद उनकी तड़पाये मुझे ऐसे ,
की भरी महफ़िल मुझे तनहा सा कर जाये।
वो कहते है की ये धड़कन मैं उनके नाम कर दूँ ,
पर ऐ मेरे मेहबूब ठहर जा जरा ,
पहले इश्क़ मेरा परवान तो चढ़ जाये। ।
आस्था जायसवाल
कुछ तो नशा है उनकी बातों में ,
ReplyDeleteजो रातों में मेरी नींदों को सताए।
खूबसूरत अल्फ़ाज़ आस्था जी
pasand karne ke liye shukriya
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