लक्ष्य
मन बस तु कर्मराह पर चलकर तो दिखा ,
मिल जायेगा तुझे सबका साथ भी।
मंजिल की तरफ बस एक कदम तो बढ़ा ,
दिख जाएगी तुझे नयी आस भी।
तु जज्बा तो दिखा कुछ कर गुजरने का ,
तो साथ देगा तेरा भाग्य भी।
जब नज़र हो तेरी सिर्फ लक्ष्य पे ,
तो भेद जायेगा तू चिड़िया की आँख भी।
मन बस तु कर्मराह पर चलकर तो दिखा ,
मिल जायेगा तुझे जीतने का एहसास भी।
तेरी राहों में हो लाख कांटे मगर ,
तेरा मन न हो डामाडोल कभी।
चुनौतियो से सजे हो तेरे रास्ते मगर ,
तु इनसे न घबराये कभी।
लड़ जायेगा तु हर चट्टान से ,
दिल में है अगर तेरे जीतने की चाह बड़ी।
मन बस तु कर्मराह पर चलकर तो दिखा ,
एक दिन मंजिल होगी तेरे पास खड़ी। ।
आस्था जायसवाल
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